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    कार्य

    केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी), प्रयागराज ने स्कूल भवन में सुरक्षा, कार्यक्षमता और सौंदर्य में सुधार के उद्देश्य से व्यापक मरम्मत और रखरखाव कार्य किए हैं। कार्य का दायरा विभिन्न संरचनात्मक और कार्यात्मक सुधारों को कवर करता है, जिसमें शामिल हैं:

    1. संरचनात्मक मरम्मत: सीपीडब्ल्यूडी ने दीवारों में दरारें, क्षतिग्रस्त बीम और कमजोर कॉलम जैसी संरचनात्मक समस्याओं की पहचान कर उन्हें ठीक किया, जिससे भवन की सुरक्षा और मजबूती सुनिश्चित की जा सके। महत्वपूर्ण क्षेत्रों में संरचना को मजबूत करने के लिए सुदृढ़ीकरण का कार्य किया गया।
    2. छत और छत की मरम्मत: छत का निरीक्षण किया गया और क्षतिग्रस्त हिस्सों को ठीक किया गया ताकि पानी का रिसाव न हो और मौसम से सुरक्षा बनी रहे। कक्षाओं और गलियारों के भीतर की छतों को भी ठीक किया गया, जिससे इन्सुलेशन और आंतरिक सौंदर्य में सुधार हुआ।
    3. फर्श का कार्य: टूटी हुई टाइलों को बदला गया और फर्श के क्षतिग्रस्त हिस्सों को ठीक किया गया ताकि सतहें समतल हों, जिससे सुरक्षा और रखरखाव में आसानी हो।
    4. विद्युत और प्लंबिंग मरम्मत: विद्युत फिटिंग का निरीक्षण किया गया और आवश्यकतानुसार बदल दिया गया ताकि संभावित खतरों को रोका जा सके। इसके अलावा, पाइपलाइनों और प्लंबिंग फिटिंग की मरम्मत या प्रतिस्थापित किया गया, जिससे रिसाव की समस्याओं को हल किया गया और स्वच्छता सुविधाओं में सुधार हुआ।
    5. पेंटिंग और फिनिशिंग: कक्षाओं, गलियारों और बाहरी हिस्सों सहित पूरे भवन पर नया रंग किया गया, जिससे न केवल सौंदर्य में सुधार हुआ बल्कि सतहों की मौसम से भी सुरक्षा हो गई।
    6. खिड़की और दरवाजों की मरम्मत: क्षतिग्रस्त दरवाजों और खिड़कियों की मरम्मत या प्रतिस्थापन किया गया, जिससे भवन में उचित वेंटिलेशन, रोशनी और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
    7. स्वच्छता और जल निकासी सुधार: सीपीडब्ल्यूडी ने मानसून के दौरान पानी के जमाव और बाढ़ की समस्याओं को रोकने के लिए भवन के आसपास की जल निकासी प्रणाली में सुधार किया। स्वच्छता सुविधाओं को छात्रों और कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य मानकों के अनुरूप उन्नत किया गया।

    सीपीडब्ल्यूडी प्रयागराज द्वारा किए गए इस मरम्मत और रखरखाव कार्य ने स्कूल के बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं, जिससे छात्रों और कर्मचारियों के लिए एक सुरक्षित और अनुकूल शिक्षण वातावरण का निर्माण हुआ है।